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द आइलेंड ऑफ प्लास्टिक

POSTED BY FICTIONFACTS:


दैनिक जीवन में हम हर दिन प्लास्टिक से बनी हुई चीजें को प्रयोग करते हैं जो कि हमारी रोजमर्रा की जिंदगी को सुविधाजनक बनाती है क्योंकि प्लास्टिक से बनी वस्तुएं सस्ती होती हैं और फैक्ट्रियों में आसानी से बनाई जाती है लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि उन प्लास्टिक की वस्तुओं का हमारे द्वारा उपयोग करने के बाद क्या होता है



वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के अनुसार पिछले 50 सालों में प्लास्टिक के उत्पादन में विस्फोटक तरीके से वृद्धि हुई है 1964 में प्लास्टिक का उत्पादन लगभग साडे 16 मिलियन था जो कि 2014 तक 343 मिलियन के ऊपर निकल गया अगर देखा जाए तो प्लास्टिक का उत्पादन हर साल बढ़ता जा रहा है हैरानी की बात तो यह है कि हमारे द्वारा प्लास्टिक की वस्तुओं का उपयोग करने के बाद जो प्लास्टिक गार्बेज बचता है उसका मात्र 9.30% प्लास्टिक ही रिसाइकल हो पाता है और केवल 15% प्लास्टिक ही हीट और  इलेक्ट्रिसिटी जनरेट करने के लिए उपयोग की जाती है और बची हुई 85% प्लास्टिक गार्बेज जमीन, नदियों और समुद्र में फैक दी जाती है



प्लास्टिक की खास बात तो यह है कि प्लास्टिक को पूरी तरह से डी- कम्पोज़ होने में लगभग 500 सालों का वक्त लगता है तब तक यह प्लास्टिक जमीन और पानी में पोलूशन फैलाती रहती है जमीन में दबी प्लास्टिक गार्बेज की वजह से पेड़ पौधे विकास नहीं कर पाते तो वही समुन्द्र में  मौजूद प्लास्टिक गार्बेज समुंद्री जीवन को पूरी तरह से नष्ट कर देती है क्योंकि जब प्लास्टिक गार्बेज नदियों में फेंका जाता है या नदियों के द्वारा बहकर समुद्र में पहुंच जाता है तो समुद्र में मौजूद जीवन जैसे मछलियां, प्लास्टिक को चबा कर खा जाते हैं



जब छोटे छोटे समुद्री जीव प्लास्टिक को चबा कर खा जाते हैं और तो उनको बड़ी मछलियां और अन्य समुद्री जीव निकल जाते हैं उन छोटी मछलियों के द्वारा वह प्लास्टिक बड़ी मछलियों के पेट में चली जाती है जिससे समुद्री जीवन बुरी तरह से प्रभावित होता है



19 ई में नॉर्थन पैसफिक ओसियन में एक प्लास्टिक गार्बेज प्लेस खोजा गया जिसका मास लगभग 100 मिलियन टन  है और इसका एरिया लगभग 1500000 स्क्वायर किलोमीटर है जो पानी के अंदर मौजूद है



किनारों से बहते हुए गार्बेज नॉर्थन ओसियन के जल में इकट्ठा होता गया और गार्बेज का आर्टिफिसियल आइलैंड बन गया गार्बेज का यह आइलैंड जाने अनजाने में हम इंसानों की ही देन है विशेषज्ञों द्वारा की गई कैलकुलेशन बताती है कि हर साल समुद्रों में लगभग 8000000 टन प्लास्टिक प्रवेश करती है जो कि पूरी दुनिया के वैस्ट का लगभग 3 परसेंट है इस पोलूशन को फैलाने में एशियन कंट्रीज का बहुत बड़ा योगदान है जिसमे चाइना सबसे आगे है क्योंकि चाइना में इंडस्ट्रीज बढ़ती जा रही है



दोस्तों प्लास्टिक का उपयोग तो हम हर रोज बड़े ही मजे से कर रहे हैं लेकिन कहीं ना कहीं हम पृथ्वी के भविष्य को भी नजरअंदाज कर रहे हैं हम यह भूल रहे हैं कि जो प्लास्टिक हम आज उपयोग कर रहे हैं वह प्लास्टिक अगले 500 सालों तक पृथ्वी पर पोलूशन फेलाती रहेगी और छोटे या बड़े जानवरों द्वारा उस प्लास्टिक के खा जाने पर उनको मारती रहेगी!

Pasted: Dec 15, 2017, 9:21:07 am
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